24 March 2015

नोकिया का प्लांट फिर शुरू कराना चाहती है सरकार

मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार जहां मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में नई फैक्टरियां भारत में खोलने का आह्वान कंपनियों से कर रही है, वहीं किसी कारण से देश में अपना प्लांट बंद करने वाली कंपनियों को संयंत्र दोबारा चालू करने के लिए मनाने की कवायद भी चल रही है। इसी के तहत नोकिया के चेन्नई में बीते वर्ष बंद हुए प्लांट को फिर से शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि नोकिया को अब बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट खरीद चुकी है और उसके मोबाइल भी अब माइक्रोसॉफ्ट ब्रांड के तहत बेचे जा रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस कदम से सरकार जहां देश में विनिर्माण को बढ़ावा दे सकेगी वहीं इससे रोजगार सृजन में भी उसे मदद मिलेगी। केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि देश में मैन्यूफेक्चरिंग को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को लेकर सकारात्मक माहौल तैयार करने के लिए सरकार नोकिया प्लांट के बंद होने जैसी घटनाओं के दोहराने के कतई पक्ष में नहीं है। सरकार चेन्नई स्थित नोकिया प्लांट के बंद होने को लेकर काफी चिंतित है और इस मामले में जल्द ही कुछ फैसला किया जा सकता है। सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं नोकिया मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं और वह आश्वस्त हैं कि नोकिया के मामले में कुछ किया जाएगा और हमलोग नोकिया जैसी घटनाओं को दोहराने से रोकने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नोकिया की बंद फैक्ट्री को फिर से शुरू करने के विकल्प पर भी विचार किया जा सकता है। वर्ष 2006 में चेन्नई में नोकिया का प्लांट शुरू किया गया था और पिछले साल नवंबर में इसे बंद कर दिया गया। इस प्लांट में 8,000 लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला हुआ था तो लगभग 25,000 लोग इस प्लांट से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे। इस माह के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोकिया प्लांट को फिर से चालू करने के संकेत दिए थे।  नोकिया के प्लांट में हैंडसेट बनाए जाते थे।
वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने जल्द ही नई विदेश व्यापार नीति लाए जाने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति काफी विस्तृत तरीके से तैयार की गई है। हालांकि उन्होंने विदेश व्यापार नीति की घोषणा को लेकर कोई निश्चित समय नहीं बताया। प्रैल के दूसरे सप्ताह तक नई विदेश व्यापार नीति का ऐलान किया जा सकता है। पिछले तीन महीने से निर्यात में लगातार होने वाली गिरावट के बाद निर्यातक अब बेसब्री से विदेश व्यापार नीति का इंतजार कर रहे हैं।

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